
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनाकी शुरुआत हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया है। इस योजना के जरिए देश के किसानों को अपने फसलों की सिंचाई के लिए उपकरणों के लिए सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
यह सब्सिडी किसानों को उन सभी योजनाओं के लिए भी प्रदान की जाएगी। जिसमें पानी की बचत कम मेहनत और साथ ही खर्च की भी सही तरह से बचत हो सकेगी। जिससे किसानों को अपने खेतों में फसल बुवाई करने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2022- आप लोग जानते हैं कि अनाज के लिए कृषि सबसे जरूरी है।और कृषि तभी बेहतर होगी जब सिंचाई अच्छे से होगी। खेतों में सिंचाई के लिए पानी की बहुत ज्यादा जरूरत होती है। अगर फसलों को अच्छे से पानी नहीं मिलेगी तो अब फसल खराब हो जाएंगे।
कृषि सिंचाई योजना के पश्चात किसानों को इस समस्या को दूर किया जाएगा और किसानों को उनकी खेती के लिए पानी की व्यवस्था की जाएगी। इस योजना के पश्चात सेल्फ हेल्प ग्रुप ट्रस्ट साहाकारी इंकापोरेटर कंपनियां उत्पादक कृषको समूहों के सदस्यों और अन्य पात्रता प्राप्त संस्थानों के सदस्यों को भी लाभ प्रदान किया जाएगा। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 50000 करोड़ की धनराशि निर्धारित की है।
यह योजना वर्ष 2026 तक विस्तार किया जाएगा

15 दिसंबर 2021 को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 5 वर्ष तक विस्तृत करके 2026 तक संचालित करने को तय किया गया है। जिस पर कुल खर्च 93068 करोड रुपए आने का अनुमान है। यह निर्णय आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति की बैठक में लिया गया।
जिसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे। इस निर्णय का पता केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और जल शक्ति मन्त्रि गजेन्द्र सिंह शेखावत द्वारा संवाददाताओं को प्रदान की गई है। इस योजना के अनुसार लगभग 2200000 किसानों को लाभ मिलेगा जिसमें से 2500000 अनुसूचित जाति एंव 2लाख अनुसूचित जनजाति वाले वर्ग से हैं।
इस योजना पर 93068 करोड़ रुपए खर्च आने का अनुमान लगाया जा रहा है। जिसमें से 37454 करोड़ों रुपए की सहायता केंद्र सरकार द्वारा राज्यों के लिए 37454 करोड़ रुपए की केंद्रीय सहायता के साथ एवं कृषि सिंचाई योजना 2016 के दौरान सिंचाई विकास करने के लिए भारत सरकार द्वारा लिए गए कर्ज चुकाने के लिए 20434.56 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं।
किसानों द्वारा आवेदन की तिथि 15 सितंबर2021

कृषि सिंचाई योजना के जरिए ड्रिप प्लांट लगाने पर 70 परसेंट सब्सिडी की राशि बागवानी किसानों को प्रदान की जाएगी। एंव 50%सब्सिडी की राशि सिमित किसानों को प्रदान की जाएगी।
इस बात की जानकारी डिप्टी डायरेक्टर डॉ केएन सिंह द्वारा प्रदान की गई। इसके अलावा फाउंटेन प्लांट की खरीद पर 60% की सब्सिडी छोटे और सीमित किसानों को प्रदान की जाएगी। एवं 50% की सब्सिडी अन्य किसानों को प्रदान की जाएगी।
इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को ऑनलाइन फॉर्म भरना होगा।यह ऑनलाइन फॉर्म राज किसान साथी फोटो ईमेल के माध्यम से किया जा सकता है।
फार्म भरने के लिए जमाबंदी, ट्रेस माप, प्लांट कोटेशन ,साईल ,वाटर टेस्ट, रिपोर्टर, बिजली का बिल, आधार कार्ड, आदि होना जरूरी है। इस योजना का लाभ पहले आओ पहले पाओ के आधार पर प्रदान किया जाएगा। किसान इस योजना के जरिए 15 सितंबर 2021 तक फार्म भर सकते हैं।
पानी योजना के लिए हर खेत को दी जाएगी आर्थिक सहायता

कृषि सिंचाई योजना को केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया।इस योजना को शुरू करने का मुख्य कारण सिंचाई उपकरण खरीदने पर सब्सिडी मुहैया कराना है। जिससे खेतों की फसलों के लिए पानी मिल सके।
यह योजना किसानों की आय में विकास करने के लिए भी कारगर साबित होगी। इस योजना को देश के अलग-अलग जिलों में होने वाली पानी की कमी को ध्यान में रखते हुए शुरू किया गया है ।जिससे की फसल की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके। कृषि सिंचाई योजना 2022 के जरिए हर खेत को पानी योजना आरंभ की गई है।
हर खेत को पानी योजना के माध्यम से सरकार द्वारा सभी खेतों को पानी मुहैया कराया जाएगा। जिसके लिए कमांड क्षेत्र विकास एवं जल प्रबंधक मंत्रालय द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इस वित्तीय सहायता का उपयोग करके किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। जिससे कि उसके खेतों तक पानी पहुंच सके। अब इस योजना के माध्यम से खेती करने के लिए किसानों को पानी की कमियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत 1706 अप्रुव किया गया =
किसानों की सहायता करने के लिए इस योजना को शुरू किया गया
इस योजना के जरिए खेतों की सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में एक वर्चुअल कैबिनेट मीटिंग 22 दिसंबर 2020 को संचालित की गई थी।
इस मीटिंग में कैविनेट ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के लिए 1706 करोड़ों रुपए आवंटित किए हैं। मध्य प्रदेश का इसमे 682 करोड़ 40 लाख ₹40000 हजार ₹ का शेयर है। इस योजना के जरिए मध्य प्रदेश के मंडला डिडोरी शहडोल उमरिया तथा सिंगरौली जिले शामिल किए गए हैं।
इन जिलो में बोरवेल का निर्माण किया जाएगा ।जिससे कि किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। यह बोरवेल इरिंगेशन फैसिलिटी प्रदान करने के लिए 62135 हेक्टेयर एरिया में बनाई जाएगी।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2022 का उद्देश्य

आप सभी जानते हैं कि अगर फसलों को अधिक मात्रा में पानी नहीं मिलेगी तो वह ख़राब हो जाती हैं। जिससे को किसानो बहुत ही दिक्कत उठानी पड़ती है।भारत एक कृषि प्रधान देश है जहां सभी किसान कृषि पर ही निर्भर रहते हैं।
लेकिन देश के किसानों को जमीन पर खेती करने की समस्या को देखते हुए सरकार नए नए कदम उठा रही है। इस योजना के जरिए देश के हर खेत को पानी पहुंचाना है।
कृषि सिंचाई योजना 2022 के माध्यम से ज्यादा बल जल संसाधनों को अधिकतम उपयोग पर है। ताकि बाद में सूखे के आवेग से होने वाले नुकसान की रोकथाम की जा सके।
ऐसा करने से उपलब्ध संसाधनों का कुशल उपयोग हो सकेगा और साथ ही किसानों को अधिक पैदावार मिलेगी। कृषि सिंचाई योजना 2022 के जरिए किसान की आय में बढ़ोतरी होगी।