
— चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्र सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग ओबीसी के उप वर्गीकरण के लिए गठित रोहिणी आयोग के कार्यकाल को 14 वी बार विस्तार दिया गया है ।
—– अनुच्छेद 340
अनुच्छेद 340 के अनुसार राष्ट्रपति सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों कि स्थितियों की जांच करने के लिए एक आयोग की नियुक्ति करेगा।
—– राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की संरचना
आयोग में 5 सदस्य होते हैं जिसमें अध्यक्ष , उपाध्यक्ष , तथा तीन अन्य सदस्य शामिल है। इनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा आदेश द्वारा होती है ।
—- 102 वां संविधान संशोधन अधिनियम 2018
102 वां संविधान संशोधन अधिनियम 2018 राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ( NCBC) को संवैधानिक दर्जा प्रदान करता है । इसे सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गो के बारे में शिकायतों तथा कल्याणकारी उपाय का अधिकार है।
- क्या है पूरा मामला
० संविधान के अनुच्छेद 15 एवं अनुच्छेद 16 के तहत अन्य पिछड़ा वर्ग ओबीसी को केंद्र सरकार के तहत नौकरियों और शिक्षा में 27% आरक्षण दिया गया है।
० यही कारण है कि देश में ओबीसी के उप – श्रेणीकरण सभी तक आरक्षण का लाभ पहुंचाने के लिए ओबीसी के भीतर भी कुछ श्रेणियां बनाने की मांग कई वर्षों से की जा रही है। - आयोग का उद्देश्य
—— रोहिणी आयोग का उद्देश्य ओबीसी की केंद्रीय सूची संदर्भ में जातियों या समुदायों के बीच आरक्षण के लाभ असमान वितरण की सीमा की जांच करना है।
——– उल्लेखनीय है कि ओबीसी के उप श्रेणी करण के परीक्षण हेतु सेवानिवृत्त न्यायमूर्तियों जी रोहिणी की अध्यक्षता में गठित इस आयोग ने अक्टूबर 2017 से कार्य करना शुरू कर किया था । आयोग का गठन शुरुआत में 12 सप्ताह के कार्यकाल के लिए किया गया था।
- आयोग में समक्ष चुनौतियां
—– आयोग के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती यह है कि नौकरियों दाखिला में ओबीसी समुदायों के प्रतिनिधित्व की तुलना करने के लिए आयोग के पास ओबीसी समुदायों की आबादी से संबंधित आंकड़े उपलब्ध नहीं है।
—- विशेषज्ञों के अनुसार इस संबंध में सामाजिक ,आर्थिक और जाति आधारित जनगणना के आंकड़ों में विश्वसनीय नहीं माना जा सकता है।
- आयोग का अब तक का अध्ययन
—– 25 प्रतिशत नौकरियां सिर्फ 10 ओबीसी समुदायों के पास ही है। 983 ओबीसी समुदाय यानी कुल ओबीसी समुदायों के 37% समुदायों का नौकरियों और शैक्षणिक संस्थाओं में 0 प्रतिनिधित्व है।
—— 994 ओबीसी में उप जातियों को नौकरियों और शैक्षणिक संस्थाओं में कुल 2.5 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व है। 97 नौकरियों और शैक्षणिक संस्थाओं की सीटी ओबीसी के केंद्र सूची में शामिल 25% समुदायों के पास है