
- संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक ,वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन ( UNESCO) जल्द ही भारतीय विश्वविद्यालय विश्व भारती को हेरिटेज टैंक लिविंग हॉल तेज घोषित करेगा विश्व भारती, लिविंग हरकेश का गौरव पाने वाला दुनिया का पहला विश्वविद्यालय होगा
- आमतौर पर एक हरितेज टैग अमूर्त स्मारक को दिया जाता है यह विश्व में पहली बार होगा जब किसी जीवित विश्वविद्यालय (living University), जो कार्यरत है की यूनेस्को द्वारा हरितेज टैग दिया जाएगा। विश्व भारती विश्वविद्यालय :- यह पश्चिम बंगाल में स्थित है स्थापना :- 1921 नोबेल पुरस्कार विजेता रविंद्र नाथ टैगोर द्वारा 1922 में विश्व भर साइकिल की एक संगठन के रूप में पंजीकृत होने तक इसका नाम रविंद्र नाथ टैगोर के नाम पर था आजादी के पहले तक ये एक कालेज था।
1951 में एक केंद्रीय अधिनियम के जरिए इसे केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा किया गया / इसके पहले कुलपति रविंद्र नाथ टैगोर के पुत्र यतींद्रनाथ टैगोर थे भारत के राष्ट्रपति विश्वविद्यालय के परिदर्शक ( Visitor ) जबकि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल (Rector) होते हैं भारत के प्रधानमंत्री इसमें अचार्य (Chancellor) के रुप में कार्य करते हैं।
यह विश्वविद्यालय रविंद्र नाथ टैगोर के विचारों व सिद्धांतो को परिलक्षित करता हुआ एक महत्वपूर्ण संस्कृति केंद्र के रूप में बढां है। UNESCO की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत या लिविंग हेरिटेज ना केवल अतीत से विरासत में मिली एक परंपराओं का प्रतिनिधित्व करती है बल्कि समकालीन ग्रामीण और शहरी प्रथाओं का भी प्रतिनिधित्व करती है जिसमें विविध सांस्कृतिक समूह भाग लेती है