
भारत के 3.693 केंद्र संरक्षित स्मारकों में से 50 लापता
- संस्कृति मंत्रालय द्वारा दी गयी जानकारी पर परिवहन पर्यटन मंत्रालय और संस्कृति द्वारा स्थायी समिती पर विषेस चर्चा
- रिपोर्ट —- Issues relating to untraceable monuments and protection of monuments in India”
- ,100 वर्ष से अधिक पुराने स्मारकों और स्थलों की सुरक्षा
- एतिहासिक महत्व की वस्तुएं
- मंदिर कब्रिस्तान, शिलालेख , मकबरे , क़िले ,महल सिढींदार कुएं ,चट्टानों को काटकर बनाई जाने वाली गुफाएं,तोप ,इत्यादि
- AMASR अधिनियम – ASI अधिकारी
- स्मारकों की स्थिति या आमलन और नियमित निरीक्षण
- विभिन्न संरक्षण कार्य पुलिस शिकायत अतिक्रमण हटाने के लिए कारण बताओ नोटिस
- A S I की स्थापना – 1861में अलेक्जेंडर कनिंघम द्वारा 19 वीं शताब्दी में धन की कमी
- संसद में -14 स्माल शहरीकरण के कारण खो गए 12 जलाशयो बांधों में डूबे गए
- 24 लापता ,लापता स्मारकों की संख्या 50
- ASI- मानव शक्ति की कमी
- 3,693 स्मारकों में से केवल 298 पर सुरक्षा गार्ड
- स्मारकों की सुरक्षा के लिए 7,000कर्मियों की आवश्यकता है
- 298 स्थानो पर 2,578 सुरक्षा कर्मी उपलब्ध।
- स्मारकों का व्यापक भौतिक सर्वेक्षण नहीं आजादी के बाद
- 2013 में CAG की रिपोर्ट
- CAG द्वारा घोषित 92 स्मारकों में से 42 की पहचान
- शेष 50 में से 26 का हिसाब,24 का पता नहीं चला
- उत्तर प्रदेश 11, दिल्ली और हरियाणा में दो-दो असम,पश्चिम बंगाल अरुणाचल प्रदेश और उत्तराखंड,
- दिल्ली बारखम्भा – कब्रिस्तान -सम्राट शेरशाह – तिनशुक्रिया (असम)की बंदूकें
- तांबे के के अवशेष , पाया लोहित (अरुणाचल प्रदेश)
- कोस मिनार , मुजेसर, फरीदाबाद (हरियाणा )कटुम्बरी मंदिर द्वाराटाट , अल्मोड़ा (उत्तराखंड)
- लाख शिलालेख, सतना (मध्य प्रदेश),पुराना यूरोपीय मकबरा (महाराष्ट्र)
- 12 वी सदी का मंदिर, बारो ( राजस्थान )
- तेलिया नाला बौद्ध खंडहर, वाराणसी (उत्तर प्रदेश)
- निष्कर्ष —– लापता स्मारकों का ऐतिहासिक महत्व
- समिति — खोजें जा सकने वाले स्मारकों को सूची से ना हटाया जाए
- खोजने की कोई अनिवार्यता नहीं होगी
- लापता स्मारक भी सुरक्षित सूची में बने नहीं रह सकते
- टे्स किए जा रखने वाले स्मारकों की सूची को उसी रूप में बनाए रखा जाए।
- शब्दावली को शामिल किया जाए