
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने बहुमत से निर्णय सुनाते हुए केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2016 में ₹1000 और ₹500 के नोटों के विमुद्रीकरण को सही ठहराया! सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 केंद्र सरकार को किसी भी बैंक नोटों के विमुद्रीकरण करने का अधिकार देता पांच में से चार जज सहमत हैं इस निर्णय से एक महिला जज बी .वी नाग रतन जी इस फैसले से सहमत नहीं हैं बल्कि विमुद्रीकरण से 6 महीने पहले केंद्र सरकार और RBI के बीच विमर्श हुआ था 8 नवंबर 2016 को नोट बंदी का ये फैसला फैसला लिया गया रात 12:00 बजे
-नोटबंदी के 5 बड़े मकसद
1: काले धन को खत्म करना
2: दूसरा देश को कैशलेस बनाना
3: नकली नोटों को खत्म करना
4: बड़े नोटों को कम करना ताकि काला धन जमा ना हो सके
5: आतंकियों और नक्सलियों की कमर तोड़ना