
- ताजमहल से जुड़ी हालिया खबर
- क्यों बदल रहा है ताजमहल का रंग
- ताजमहल का संरक्षण और सुप्रीम कोर्ट
- ताज टेपोजियम जोन (Taj trape ziun )
- आगे की राह
- ताजमहल : एक नजर
- निर्माणकर्ता – मुगल सम्राट शाहजहां
*वस्तुकार – उस्ताद अहमद लाहौरी
- 1632 से। 1653 ई, तक चला निर्माण
- 1983 में ताजमहल को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल न्यू सेवन ऑफ द वंडर में से एक
*। हालिया मामला *
- आगरा विकास प्राधिकरण को ताजमहल के 500 मीटर के दायरे में सभी गतिविधियों को रोकने का निर्देश
- स्मारक के पास अवैध कारोबार फल-फूल रहा था
- केन्द्र एवं उत्तर प्रदेश सरकार को sc की फटकार
- वर्ष 2018 में भी रंग बदलने पर चिंता व्यक्त की थी
क्यों बदल रहा है ताजमहल का रंग ;
- वायु प्रदूषण (Air Pollution)
- आसपास की फैक्ट्री और तेल रिफाइनरी
- वर्षा के जल में सलमर डाइआकसाइड (502) तथा नाइट्रोजन के आक्साइड (No)
- तनु सल्फ्यूरिक अमल ( H२SO4 ) तथा
नाइट्रिक अम्ल। (HN O3 )
*किडें (Nsects)
- यमुना नदी के प्रदूषित जल में कीड़े
- हरे एवं काले रंग के अवशेष
- ऐतमाद,उद ,दौरान , मेहताब बाग और आगरा किला भी प्रभावित
ताजमहल का संरक्षण और सुप्रीम कोर्ट
- 1980 के दशक में ताजमहल के लिए जनहित वाचिका H oCo। Mehta मेहता द्वारा किया गया पर्यावरण से जुड़े कई याचिका के लिए इन्हें Green। Avenger भी कहते हैं
*1996 में सर्वोच्च न्यायालय ,(S c ) का फ़ैसला
- ताज टे्पोजियम जोन (Taj TrapeZium Zone ) घोषित
- 292 उद्योगों को औद्योगिक ईंधन के रूप में प्राकृतिक गैस पर स्विच करने या अपने क्षेत्र से स्थानोतरित करने का निर्देश
- बीते कुछ वर्षों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा सरकारों औरAsi को फटकार – फटकार का कारण – कार्य योजना का बिजन
- ताज टे्पेजियम ,( जोय। Taj TraPe ziun Zone ) क्या है
*SC ने 1996 मे आगरा के आसपास का क्षेत्र (10,400 वर्ग किमी )
- आगरा ,मथुरा ,फिरोजाबाद, हाथरस, एटा भरतपुर
*Taj TraPerium Zone Polluation (Mevention and Contro।) Authority _1986। ( आधार – पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 )
- कार्य _। ताजमहल का संरक्षण करना
प्रदूषण कंट्रोल
प्रदूषण से जुड़े आंकड़े जुटाना
आगे की राह। :
- राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों, स्थानों और पशुओं का संरक्षण (अनुच्छेद 49)
- अपनी संग्रह संस्कृति की समृद्धि धरोहर का सम्मान करना और इसे संरक्षित रखना प्रत्येक भारतीय नागरिक का कर्तव्य (अनुच्छेद 51ए (एक)। )
- सरकार द्वारा उचित कार्य योजना की आवश्यकता
- प्रदूषण के प्रति जागरूकता