
- चर्चा में क्यों
हाल ही में भारत ने सिंधु नदी जल संधि में संशोधन करने की मांग को पाकिस्तान के सामने रखा इसके लिए भारत ने पाकिस्तान को नोटिस जारी किया है। - भारत का पक्ष
- भारत सरकार की ओर से जारी आधिकारिक बयान के अनुसार पाकिस्तान की अनुचित गतिविधियों के कारण सिंधु नदी जल संधि के प्रावधानों का समुचित क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है।
- हालांकि संधि में भारत किस प्रकार से संशोधन चाहता है अभी उसकी स्पष्ट रूपरेखा निश्चित नहीं की गई है।
- क्योंकि विगत लगभग 5 वर्षों से स्थायी सिंधु आयोग की बैठक पाकिस्तान के कारण नहीं हो पाई है जिनमें दोनों देशों के प्रतिनिधि भाग लेते हैं।
- क्या है सिंधु जल समझौता
- 1960 में भारत के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान के बीच यह समझौता हुआ था।
- समझौते में सिंधु बसिन से बहने वाली 6 नदियों को पूर्वी और पश्चिमी हिस्से में बांटा गया था।
- पूर्वी हिस्से की नदियों रवि ,व्यास और सतलुज के पानी पर भारत का पूरा अधिकार है।
- पश्चिमी हिस्से की नदियों सिंधु ,चेनाब और झेलम का 20% पानी भारत रोक सकता है।