
चर्चा में क्यों ?
हाल ही में में एक मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया की च एक सार्वजनिक दस्तावेज नहीं है और किसी भी प्रकार एक थी अथवा पक्ष द्वारा इसकी मांग एक अधिकारी के रूप में नहीं की जा सकती है।
क्या है मामला ?
_ दरअसल सुप्रीम कोर्ट के सामने एक मामला आया था जिसे दो पक्षों के बीच विवाद को लेकर पुलिस द्वारा चार्जशीट को तृतीय पक्ष को सार्वजनिक किया गया था
_ किसी अन्य व्यक्ति अथवा पक्ष द्वारा चार्जशीट की एक अधिकारी के रूप में मांग नहीं की जा सकती है क्योंकि चार्जशीट मामले से संबंधित दोनों पक्षों की निजता से संबंधित है उसे इसे सार्वजनिक करना न केवल जांच एजेंसियों बल्कि संबंधित पक्षों की गोपनीयता से भी समझौता करने का के समान है
* क्या होती है चार्ज शीट ?
- अपराधी प्रक्रिया संहिता (crpc) की धारा के 173 के अनुसार 4 सीट किसी मामले में सक्षम पुलिस अधिकारी द्वारा तैयार की गई अंतिम जांच रिपोर्ट होती है
- के, वीरास्वामी 1991 के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय देते हुए कहा कि प्रत्येक मामले में पुलिस द्वारा अधिकतम 90 दिनों की अवधि में चार्जशीट कोर्ट कोर्ट में दायर की जानी चाहिए