
9 फरवरी को भारतीय वकील और सामाजिक कार्यकर्ता बाबा आमटे की पुण्यतिथि है| बाबा आमटे के नाम से लोकप्रिय मुरलीधर देवीदास
जन्म 26 दिसंबर 1914 को महाराष्ट्र के वर्धा जिले में हुआ था| 1936 में इन्होंने वकालत की डिग्री हासिल की|
1942 में इन्होंने भारत छोड़ो अभियान में भाग लेने के लिए कैद किए गए लोगों के बचाव पक्ष के वकील के रूप में कार्य किया था| गांधीजी के अहिंसा आंदोलन से प्रभावित होकर उन्होंने 1940 के दशक में वकालत छोड़ दी और सेवाग्राम (महाराष्ट्र) में गांधीजी के आश्रम में दलितों के साथ काम करने लगे, बाद में उन्होंने कुछ रोग से पीड़ित व्यक्तियों की सहायता भी की| व्यक्तियों की सेवार्थ एक कुष्ठ क्लीनिक में काम किया तथा कोलकाता स्कूल आफ ट्रॉपिकल मेडिसिन में बीमारी पर एक कोर्स किया| 1949 में उन्होंने कुष्ठ रोग उपचार, पुनर्वास और सशक्तिकरण हेतु समर्पित एक आश्रम आनंदवन की स्थापना की 1940 में उन्होंने मेघा पाटकर के नर्मदा बचाओ आंदोलन (Save Narmada Movement) में शामिल होने के लिए आनंदवन छोड़ दिया| 2007 में बाबा आमटे को ल्यूकेमिया हो गया इसके बाद 9 फरवरी 2008 को आनंदवन में उन्होंने अपना शरीर त्याग दिया |
प्रमुख पुरस्कार/सम्मान
युक्त राष्ट्र मानवाधिकार पुरस्कार 1988
टेंपलटन पुरस्कार में भागीदारी 1990
गांधी शांति पुरस्कार 1999